हिमाचल प्रदेश- राज्यपाल बंडारू दतात्रेय ने कहा कि दंतोपंत्त ठेंगड़ी मजदूरों के सच्चे हितैषी थे। वे किसानों और मजदूरों की लड़ाई लड़ते थे। यह कार्यक्रम श्रद्धेय दत्तोपन्त ठेंगड़ी जन्म शताब्दी समारोह समिति के समापन समारोह  के उपलक्ष्य में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में  मुख्य अतिथि राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय रहे, इसके अतिरिक्त विशिष्ट अतिथि क्षेत्र प्रचारक प्रमुख राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ रामेश्वर दास रहे और कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय विश्वविद्यालय के उपकुलपति डाॅ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने की। मुख्य अतिथि ने कहा कि ठेंगड़ी जी ने लिए भारतीय मजदूर संघ समेत अनेक संगठनों की स्थापना की। दंत्तोपंत ठेंगड़ी का जन्म 10 नवम्बर 1920 को महाराष्ट्र में हुआ था। उन्होंने कहा कि दंत्तोपंत जी का पूरा जीवन स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने और मजदूरों के हितों को बचाने के लिए समर्पित रहा। उनका कहना था कि दंत्तोपंत जी  किसानों के उत्थान के लिए भी सक्रिय रहे। उनका मानना था कि अगर किसान खुशहाल होगा तभी देश का वास्तविक विकास संभव है। इसी प्रकार मजदूरों का शोषण करने वालों के खिलाफ ठेंगड़ी जी जागरूक रहते थे और इसके विरूद्ध आवाज बुलंन्द करते थे। ठेंगड़ी जी के बल पर ही भारतीय मजदूर संगठन संगठित होने के साथ-साथ राष्ट्र व असंगठित मजदूर हितों का कार्य कर रहा है।  उन्होंने कहा कि ठेंगड़ी जी ने किसानों और मजदूरों के हितों के लिए लड़ाई लड़ी है और देश में समानता के लिए काम किया है। आज दत्तोपंत ठेंगड़ी जी द्वारा बताये गये रास्ते पर चलने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उतर क्षेत्र प्रचारक प्रमुख रामेश्वर दास ने कहा कि ठेंगड़ी जी ने ‘राष्ट्र का औद्योगिकीकरण, उद्योगों का श्रमीकरण तथा श्रमिकों का राष्ट्रीयकरण करने विचार दिया। उनका कहना था कि देश में मजदूर एक बहुत बड़ी शक्ति है ऐसे में उनको राष्ट्र के लिए काम करने के लिए प्रेरित करना होगा। ठेंगड़ी जी का मानना था कि ‘मजदूरों का संगठन मजदूरों के लिए, मजदूरों के द्वारा किया जाना चाहिए’ ठेंगड़ी जी ने श्रमिकों के नकारात्मक नारे ‘चाहे जो मजबूरी हो हमारी मांगी पूरी हों’ का सकारात्मक विकल्प  नारा  ‘देश हित में करेंगे काम, काम का लेंगे पूरा दाम’ केन्द्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला उपकुलपति कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने कहा कि ठेंगड़ी जी स्वदेशी और किसान आंदोलन को दिशा प्रदान करने में भी किए गए प्रयासों का विस्तार से वर्णन किया गया। इस समारोह में जैविक कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले  छः किसानों  को सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर दंतोपंत ठेंगड़ी जी के जीवन पर आधारित स्मारिका का विमोचन और भारतीय किसान संघ की वेबसाईट का लोकार्पण भी राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने किया। कार्यक्रम के अंत में वंदेमातरम् का गायन भी किया गया। हिप्र विवि  के कुलपति प्रो• सिकंदर कुमार ने कार्यक्रम में मंच पर उपस्थित सभी अतिथियों का अभिवादन किया। इस कार्यक्रम में समारोह समिति के सदस्य, वर्तमान व पूर्व प्रशासनिक अधिकारी, विभिन्न सामाजिक धार्मिक व राजनीतिक संगठनों के कार्यकर्ता, संत समाज के प्रतिनिधि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यवाह किस्मत कुमार, प्रांत प्रचारक संजय सिंह विभिन्न मीडिया के समूहों प्रतिनिधियों सहित शिमला शहर के गणमान्य उपस्थित रहे।