Bharatiya Kisan Sangh

भारतीय किसान संघ मेरठ प्रान्त व उत्तम खेती संस्थान के संयुक्त कार्यक्रम द्विदिवसीय गौ आधारित जैविक खेती प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन 2-3 अक्टूबर 2021 को अग्रवाल धर्मशाला थाना भवन जनपद शामली में अखिल भारतीय सह-जैविक प्रमुख नीलकंठ की उपाधि से सुशोभित आ0 ठाकुर धर्मपाल जी के मार्गदर्शन में किया गया।

श्रीमान धर्मपाल जी व जैविक प्रशिक्षको द्वारा मेरठ प्रांत सहित देश के विभिन्न प्रान्तों से आये सैंकड़ों किसानों को गौआधारित जैविक खेती करने,भूमि सुपोषण,प्रकृति
पर्यायवरण,प्रसंस्करण,विपणन आदि विषयों पर किसानों को प्रशिक्षण दिया व बाजार में अपने उत्पाद की बिक्री और माँग के लिये बाजार की उपलब्धता की जानकारी प्रदान की गई।

मुख्य अतिथि द्विप्रदेशिय संगठन मंत्री श्री शिवकांत दीक्षित ने समापन सत्र में किसानों से अपने उद्बोधन के प्रारम्भ करते हुए कहा कि –

कोई चलता पद चिन्हों पर कोई पद चिन्ह बनाता है।
बस वही सूरमा वीर पुरुष,दुनिया में पूजा जाता है। ।
देता संघर्षों को न्योता,मानवता की खातिर जग में,
ठोकर से करता दूर सदा,जो भी बाधा आती मग में
जो दान रक्त का देकर भी,अपना कर्तव्य निभाता है
बस वही सूरमा वीर पुरुष,दुनिया में पूजा जाता है।

ऐसे देवतुल्य किसान को मैं प्रणाम करता हूँ और कहा कि सब लोग अपना अपना परिचय देते है कि मैं एक डॉक्टर, हूँ इंजीनियर हूँ वैज्ञानिक हूँ आदि आदि ये इंजीनियर,वैज्ञानिक बनने के लिये इनको किसी ना किसी विश्वविद्यालय में शिक्षा लेने पड़ी होगी लेकिन किसान एक ऐसा वैज्ञानिक है जो बिना किसी विश्वविद्यालय गए यह जनता है कि उसको कौन सी फसल किस नक्षत्र में किस दिशा में किस समय बोनी किस समय खाद्य पानी देना है हो सकता है वह अंग्रेजी भी नही जानता हो ओर हो सकता कि वह हिंदी भी पढ़ना नही जानता हो वह सिर्फ और सिर्फ कृषि वैज्ञानिक किसान ही है और अर्थ की चिंता किये बैगर देश के भरण पोषण के अपने परिश्रम से उत्पादन करता रहता है तो इसलिये देश वासियों को किसान का सम्मान करना चाहिये व उसके संम्मान के कार्यक्रम करने चाहिये।

इस देश में 70%किसान है जो अधिकतर सरकार की योजनाओं पर ही निर्भर रहते जब तक किसान स्वयं को उद्दमी बनाने पर ध्यान नही देगा तब तक किसान की आय नही बढ़ पाएगी।किसानों के उत्पाद को कंपनियां उत्पाद की गुणवक्ता आकार श्रेणी आदि के अनुसार प्रसंस्करण कर हमारे ही 20 रुपये किलो के गेँहू को दलिया बनाकर बाजार के माध्यम से 60-80 रुपये किलो का विपणन कर बिक्री कर देता है आज किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिये इस प्रकार के प्रयोग करने पड़ेंगे, इस प्रकार के व अनेक प्रकार उत्पाद तैयार करने के लिये कम कीमत के अच्छे यंत्र उपलब्ध है और भारतीय किसान संघ गौ-आधारित खेती करने व प्रसंस्करण का प्रशिक्षण देने ,विपणन हेतु मंडी उपलब्ध कराने का निरन्तर निशुल्क कर रहा है।

इन सब बातों का ध्यान रखते हुए भारत माता की जय के साथ साथ हमे एक नारा और बुलन्द करना होगा जिससे देश मे किसानों के प्रति आदर का भाव विकशित होगा और वह नारा है:- माई कल्चर इज माई एग्रीकल्चर

मंच से बात कर रहे श्री प्रकाश सिंह रघुवंशी, प्रदेश जैविक खेती प्रमुख

मंच से बात कर रहे श्री प्रकाश सिंह रघुवंशी, प्रदेश जैविक खेती प्रमुख

भारतीय किसान संघ जिला अशोक नगर की तहसील नईसराय का एक दिवसीय अभ्यास वर्ग ग्राम डूगासरा की पठार पर दिनांक 25-08-2021 बुधवार को आयोजित किया गया।

अभ्यास वर्ग में संघ के पदाधिकारियों के द्वारा नवीन कार्यकारिणी को संगठन के वारे में एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें प्रदेश जैविक प्रमुख श्री प्रकाश सिंह जी रघुवंशी ने किसानों को जैविक खेती करने के करने की सलाह दी।  जिससे किसान खेती की लागत को कम करके अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं ।एवं जसवंत सिंह रघुवंशी प्रान्तीय उपाध्यक्ष गुना द्वारा संघ के संस्थापक श्री ठेंगड़ी जी के जीवन परिचय को विस्तार से जानकारी दी गई ।

अभ्यास वर्ग में अन्य मुख्य अतिथि प्रान्तीय मंत्री श्री शिवनंदन सिंह पिलीघटा, जसबंत सिंह जी प्रान्तीय सदस्य , श्री हरि सिंह जी रघुवंशी संभाग कोषाध्यक्ष, श्री परमाल सिंह जी संभाग मंत्री,जिला अध्यक्ष राजकुमार जी, कोषाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह जी, जिला उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह जी, जिला सदस्य ओमप्रकाश जी, जिला मीडिया प्रभारी सुनील रघुवंशी,तहसील अध्यक्ष चन्द्रेश रघुवंशी भौंरा, तहसील मंत्री कल्याण सिंह जी उपस्थित रहे ।

राज्य के किसानों को स्वावलंबी बनाने में जुटा भाकिसं, असम

कृष्ण कांत बोरा ,
भारतीय किसान संघ, असम
एक ओर जहां देश के कुछ किसान संगठन नये कृषि कानून को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भारतीय किसान संघ (भाकिसं), की असम इकाई किसानों को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई तरह के कदम उठाते हुए किसानों की मदद कर रही है। भाकिसं, असम किसानों को आधुनिक खेती करने के लिए जहां प्रेरित कर रहा है, वहीं बेहतर खाद, बीज, सरकारी सहायता का बेहतर लाभ उठाने, कृषि उत्पादों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए प्रोत्साहित कर उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
इस कड़ी में भाकिसं, असम द्वारा राज्य के आठ जिलों के किसानों को “मिशन टू एक्सप्लोर स्मार्ट एग्री” के तहत गुवाहाटी का भ्रमण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। यह कार्यक्रम गत 19 मार्च से आरंभ हुआ है। इसका समापन 27 मार्च को होगा। चयनित जिलों में मुख्य रूप से बंगाईगांव, कामरूप (ग्रामीण), पश्चिम कार्बी आंग्लांग, शोणितपुर, नगांव, मोरीगांव, नलबारी, बरपेटा शामिल हैं।
भाकिसं, असम के प्रदेश अध्यक्ष कुरुसार तिमुंग ने सोमवार को हिन्दुस्थान समाचार के साथ बीतचीत करते हुए कहा कि “मिशन टू एक्सप्लोर स्मार्ट एग्री” के तहत पहली बार बेहद पिछले हुए ग्रामीण इलाकों के किसानों को आधुनिक कृषि को समझने का मौका मुहैया कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि, औसत प्रत्येक जिले से कम से कम 10 गांवों के किसानों को गुवाहाटी का भ्रमण कराया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कुछ जिलों जैसे पश्चिम कार्बी आंग्लांग जिला के ऐसे इलाकों के किसान हैं जिन्हें पहली बार गुवाहाटी पहुंचने का अवसर मिला और ऐसे कार्यक्रम का हिस्सा बन पाए। उन्होंने बताया कि किसानों के भ्रमण में स्थानीय आईसीएआर के अंतर्गत संचालित केंद्रीय वृक्षारोपण फसल अनुसंधान संस्थान (सीपीसीआरआई) नामक संस्था का भरपूर सहयोग मिला है।
उन्होंने बताया कि सीपीसीआरआई के कृषि वैज्ञानिकों ने जो शोध कार्य किया है, उसके बारे में किसानों को विस्तार से जानकारी देते हुए उसका लाभ उठाने का आह्वान किया। साथ ही वैज्ञानिकों ने अपने शोध क्षेत्र में तैयार विभिन्न प्रकार के उत्पादों जैसे नारियल, तामुल, दालचीनी, काली मिर्च, चॉकलेट समेत अन्य खेती एक साथ वैज्ञानिक तरीके से कैसे कर सकते हैं, इसके बारे में प्रायोगिक तौर पर समझाया। वैज्ञानिकों ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए चॉकलेट की खेती कैसे की जाए, इस बारे में भी विस्तार से बताया।
वैज्ञानिकों ने तामुल के पत्ते का उपयोग करते हुए किस तरह से केचुआ खाद तैयार की जा सकती है, उस पर भी व्यावहारिक रूप से प्रकाश डाला। किसानों ने वैज्ञानिकों के सुझाओं पर अमल करने का आश्वासन दिया।
इस दौरान पश्चिम कार्बी आंग्लांग की एक महिला किसान कुमारी निलम चौधरी ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि इस तरह का प्रोत्साहन मिलने से हमें नयी तकनीक और नयी खेती करने का लाभ मिलता है, जिससे हमारी आय में वृद्धि होगी। वहीं दूसरी ओर बंगाईगांव के एक युवा किसान तपन दास ने बताया कि वैज्ञानिक तरीके से की जाने वाली खेती को हम गांव-गांव तक पहुंचाएंगे, जिससे किसानों की आय को दोगुनी की जा सके। साथ ही उन्होंने कहा, एक ही जमीन पर पांच प्रकार की खैती कैसे की जा सकती है, इसको लेकर भी किसानों के बीच जागरूकता फैलाने की कोशिश करेंगे।
सीपीसीआरआई के एक वैज्ञानिक डॉ अल्पना दास ने कहा कि भाकिसं, असम द्वारा खेती को लेकर जो मुहिम चलाया गया है, वह किसान और वैज्ञानिक दोनों के लिए काफी लाभप्रद है। उन्होंने साथ ही कहा कि सही अर्थों में किसान विज्ञान से काफी दूर हैं। उन्हें साथ लाए बिना किसानों को भला नहीं हो सकता है। इस तरह के कार्यक्रम किसानों के लिए काफी सहायक सिद्ध होंगे।
Kisan Sangh Padayatra Nizamabad Cooperative Sugar Factory

Nizamabad: Demanding that the State government either revive the Nizamabad Cooperative Sugar Factory (NCSF) or hand it over to the Farmers Producers Organisation (FPO), shareholders of the company launched a padayatra from Thirmanpally village, on Monday.

Kisan Sangh Padayatra Nizamabad Cooperative Sugar Factory

The Padayatra, led by NCSF protection committee chairman K Sai Reddy, will cover 90 villages spread across eight mandals and conclude in front of the Nizamabad Collector’s Office on April 12. A massive public meeting will also be organised on the same day. Bharatiya Kisan Sangh (BKS) national general secretary Mohini Misra and leaders of various farmers’ associations were present during the padayatra launch.

Speaking on the occasion, K Sai Reddy demanded that the government take a final decision on the NCSF immediately. “Either the government should take steps to revive the company, or hand it over to the shareholders-promoted FPO,” he said. He also recalled how the company workers, during the TDP regime, prevented the then State government from privatising the factory. NCSF has a total of 350 shareholders and all of them are in support of the protest, he added.

Detail background

Factory (NCSF) was established in the year 1962 and in 1964 crushing was started. Till now we have earned 2 crores 85 lakhs of shares with the help of 23,216 farmers. 117 Villages and 1000 members of employees and 10,000 Farmer labourers were survived using this factory.

Till 1996 NCSF was in Profit. At that time government held by Sri Nara Chandrababu Naidu Garu of TDP (Telugu Desam Party) has issued a GO to privatize 12 Sugar factories in the cooperative sector in the united state of Andhra Pradesh.

Bharatiya Kisan Sangh filed an appeal in the High court and won against that privatization GO.

Against Government Privatization, on Nizamabad Cooperative Sugar Factory area 2001 and 2003 Sri SayaReddy Kondela went to the court and won the Battle. From 2004 onwards congress Government held by Sri Y.S Rajashekhar Reddy ran the factory till 2008.

Hereafter the Person in charge district collector and the Minister during that period wanted to close the factory. In 2014 on June 2nd Telangana state was formed. At the time of the elections TRS party chief and present CM Sri. K., Chandra Shekar Rao Garu gave a promise if he could win the 2014 elections to run any of the Cooperative sugar factories which are established in Telangana.

CM did not keep his promise and thereafter Bharatiya Kisan Sangh and NCSF Parirakshana Committee chairman Sri SayaReddy Kondela done many demonstrations and Darnas against Government. As any of the action did not take by the Government and didn’t agree to give the factory to the shareholders Sri SayaReddy Kondela has started a “Padayatra” from 15-03-2021 to 12-04-2021.

The program is to visit 90 Villages in 29 days Mobilize the farmers and enhance the use of the factory. The main Motive of the Programmer is to benefit the 500 members employment for the Farmers children and to give life to 5000 families by producing the sugarcane crop.

The Padayatra was started by Sri SayaReddy Kondela and the chief Guest was Sri Mohini Mohan Mishra (Bharatiya Kisan Sangh, All India secretary) on 15-03-2021 and Sri Raja Reddy (Bharatiya Kisan Sangh state General secretary). The Padayatra will be completed on 12-04-2021 at the Collector office Nizamabad by addressing a Public meeting.

With inputs from Bharatiya Kisan Sangh and Newindianexpress.com

“प्रस्तावित चक्का जाम पर – भारतीय किसान संघ का वक्तव्य”
6 फरवरी को घोषित चक्का जाम का भारतीय किसान संघ समर्थन नहीं करता है क्योंकि ।

1. करीब 70 दिनों से दिल्ली की सीमा पर जो यह आंदोलन चल रहा है पहले तो यह थोड़ा-थोड़ा राजनैतिक लगता था, अब वहां अधिकांश राजनैतिक दलों का और राजनैतिक नेताओं का जमावड़ा चल रहा है, इससे स्पष्ट हो गया है कि यह पूर्णतया राजनैतिक हथकंडा ही है।

2. पहले दिन से ही भारतीय किसान संघ ने ऐसा अंदेशा प्रकट किया था कि यह आंदोलन मंदसोर जैसा हिंसक रूप लेगा, संभवत 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन जिन लोगों ने हिसंक होकर जंगा नाच किया, इसमें भारतीय किसान संघ की आशंका सही सिद्ध हुई। इसलिए भारतीय किसान संघ को 6 फरवरी को चक्का जाम में कोई अनहोनी नहीं हो जाे, इसकी आशंका है।

3. 26 जनवरी पर अपने राष्ट्रध्वज को अपमानित करना व सरेआम दिनदहाड़े इसको स्वीकरति देना, राष्ट्र विरोधी तत्व ही कर सकते है। ऐसा लगता है कि इस आंदोलन के अंदर पर्याप्त संख्या में अराष्ट्रीय तत्व सक्रिय हो चुके हैं। जो अपनी मजबूत पकड़ करने में भी सफल हो गये है। इसी कारण संसद में पारित कानूनों, माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का भी सम्मान नहीं करके लोकतंत्र विरोधी कार्य किसानों के नाम पर करवा रहे हैं।

4. आंदोलन के शुरूआत में ही कनाडा के राजनैतिक नेतृत्व का वक्तव्य, ब्रिटिश नेताओं के वक्तव्य और हाल ही में आये कुछ तथाकथित विदेशी कलाकारों के वक्तव्यों ने यह प्रमाणित कर दिया है कि इस आंदोलन के सूत्र विदेशों से संचालित है और भारत विरोधी ताकतों के द्वारा देश में अराजकता पैदा करने का खेल खेला जा रहा है।
इसलिए भारतीय किसान संघ/देश का सबसे बड़ा किसान संगठन, राष्ट्रवादी एवं गैर राजनैतिक होने के कारण एवं हिंसक, चक्का जाम और भूख हड़ताल जैसे कार्यों का नीतिगत समर्थन नहीं करता है। यह संगठन राष्ट्रहित की चौखट में ही किसान हित को देखकर चलता है।

अतः 6 फरवरी के चक्का जाम का हम समर्थन नहीं करते हैं। देश के आमजन विशेषकर किसान बंधुओं से आग्रह है कि वे 6 फरवरी के दिन संयम से काम लें और शांति स्थापना में ही सहयोगी बनें।

इसके साथ ही सभी किसान नेताओं से भी आशा की जाती है कि माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा घोषणा की गई है कि सरकार डेढ़ से दो वर्षों के लिए कानूनों को स्थगित करने के अपने प्रस्ताव पर अभी भी यथावत है, उसे स्वीकार करते हुए वार्ता हेतु सक्षम समिति गठन एवं वर्षों से लम्बित भारतीय किसान की नीतिगत समस्याओं पर समुचित निर्णय करवाने की ओर अग्रसर हों।

धन्यवाद।

बद्रीनारायण चौधरी
महामंत्री
भारतीय किसान संघ

भारतीय किसान संघ वर्तमान समय में दिल्ली सीमा पर आंदोलनरत किसानों एवं सरकार के मध्य चल रही समाधान वार्ताओं के 11 ते दौर की वार्ता (22 जनवरी) के समापन पश्चात गंभीर चिंता व्यक्त करता है और हमारी मान्यता है कि संवाद हीनता की स्थिति किसी भी आंदोलन को समाधान की ओर नहीं ले जा सकती।

यद्यपि केन्द्र सरकार ने अभी तक जो प्रयास किये अर्थात समझौतावादी रुख दर्शाते हुए बिंदुवार चर्चा, तीनों कृषि कानूनों में वाजिब संशोधन, अन्य शंकाओं के लिए लिखित आश्वासन आदि बातें स्वीकार की और तीनों कानूनों को डेढ़ वर्ष के लिए स्थागित करने का भी प्रस्ताव दिया गया इसका भारतीय किसान संघ स्वागत करता है।

इसके बावजूद भी किसान नेताओं के द्वारा पहली शर्त- तीनो कानून वापसी की जिद करना उचित प्रतीत नहीं होता, इससे किसानों के हितों को ठेस पहुँच रही हैं।

अतः भारतीय किसान संघ संबंधित पक्षकारों से आग्रह करता है कि :

1. कानून स्थगित अवधि में एक सक्षम,तटस्थ  एवं समाधान परक सदस्यों की समिति गठित की जावें। जिसमें देशभर के सभी पंजीकृत किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व हो ।

2. समिति के गठन आदेश में ही उसके अधिकार, अधिकार क्षेत्र, समय बद्ध  कार्य योजना एवं विचाराधीन बिंदुओं को समाविष्ट किया जावें।

3. आंदोलनरत किसान संगठनों से अनुरोध है कि ते दो माह के इस आंदोलन की जिद् को छोड़कर देशभर के किसान की वर्षों की लंबित समस्याओं के समाधान के इस स्वर्णिम अवसर को अब परिणाम की ओर ले जाने में सहयोग करे।

4. सरकार से भी हमारा आग्रह है कि किसानों के देशभर में और भी संगठन है, उनकी उपेक्षा करना शोभनीय नहीं है। इसलिए उक्त बिंदु क्र. 2 में प्रस्तावित समिति गठन में किसान प्रतिनिधियों से सहमति लेकर समिति गठित की जावे तथा उसे कुछ सीमा तक संवैधानिक अधिकार दिये जावें।

5. गणतंत्र दिवस के पर्व को सम्मान , सोहार्दपूर्ण वातावरण में मनाकर विश्व के समक्ष सिद्ध करें कि हम घर में, आपस में भले ही लड़ाई करते हुए दिखाई देगें परन्तु देश के स्तर पर एक है। किसी को कोई भ्रम नही रहे। ऐसा संदेश जावें  कि यहां देशहित एवं राष्ट्रीय सुरक्षा के विषय को प्रथम  वरीयता दी जाती है।

6. भारतीय किसान संघ पुनः घोषणा करता है कि तीनों कानूनों में संशोधन और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी स्वरूप  देने की हमारी मांगे यथावत है, जिनके लिए आवश्यक हुआ तो हम भी आंदोलन के लिए सड़कों पर आने का विचार करेंगे।

आशा करता हूँ कि संघटन के इस निर्णय को सभी किसान बंधु, सरकार, किसान नेता एवं शेष समाज सकारात्मक रूप में लेगें और एक देश, कृषि प्रधान देश होने के सिद्धान्त को चरितार्थ करेगे।

बद्रीनारायण चौधरीमहामंत्री,
भारतीय किसान संघ,

मो. 09414048490

भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधि मंडल ने केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर से की मुलाकात।
नई_दिल्ली/ अगस्त 2020- देश के सबसे बड़े गैर राजनैतिक किसान संगठन भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधि मंडल ने केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर से केंद्र सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र के लिये लाये गये तीनों अध्यादेशों के संबंध में चर्चा करने के लिए विगत बुधवार को मुलाकात की। केंद्रीय कृषि मंत्री से हुई बातचीत के बारे में जानकारी देते हुये भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा जो कृषि ऊपज के व्यापार सम्बन्धी तीनों अध्यादेशों में बहुत बड़ी खामियां है जिनको दूर किया जाना अति आवश्यक है। श्री चौधरी  ने आगे बताया कि आज कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर को किसान हित के रूप में  आवश्यक संशोधनों / सुझाव से अवगत कराया गया । जिस पर श्री तोमर ने सकारात्मक रूख रखते हुये कृषि व किसान हित में आवश्यक विचार करने  का आश्वासन दिया है। इस अवसर पर भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधिमंडल में अखिल भारतीय महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी, अखिल भारतीय  संगठन मंत्री श्री दिनेश कुलकर्णी , अखिल भारतीय उपाध्यक्ष श्री प्रभाकर केलकर व अखिल भारतीय मंत्री श्री साई रेड्डी मौजूद रहे ।
भारतीय किसान संघ ने की अध्यादेशों में संशोधन की मांगे
देश के सबसे बड़े किसानों के गैर राजनैतिक संगठन भारतीय किसान संघ ने केंद्र सरकार के समक्ष अध्यादेशों में संशोधन के लिये चार सूत्री मांगे रखी है।१) सभी प्रकार की खरीद कम से कम,  समर्थन मूल्य पर होने का कानूनन प्रावधान होना चाहिए ।२) निजी व्यापारियों का राज्य एवं  केंद्र स्तर पर पंजीयन आवश्यक हो तथा उनकी बैंक सेक्युरिटी हो। जो एक पोर्टल के द्वारा सबके लिए  उपलब्ध रहे ।३) इस संदर्भित जो भी विवाद हों उनके समाधान हेतु स्वतंत्र कृषि न्यायालयों की व्यवस्था हो और सब विवादों का निपटारा किसान के गृह जिले में ही होना चाहिए।4) इन अध्यादेशों  में #किसान की परिभाषा  में कार्पोरेट कंपनीयां भी एक किसान के रूप में आ रही हैं। उसको भी तर्कसंगत बनाकर जो केवल कृषि पर ही निर्भर हैं , वही इस परिभाषा में किसान माना जावे । यह सुधार होना चाहिए।
केन्द्र सरकार द्वारा लाये गये तीन अध्यादेश 1-आवश्यक वास्तु अधिनियम  1955 में सुधार अध्यादेश – 20202-कृषि ऊपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) अध्यादेश – 20203-कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण ) कीमत आश्वाशन और कृषि सेवा पर करार   अध्यादेश – 2020         इस सन्दर्भ में अभी तक देश भर से 168 जिलो के 600  से भी अधिक विकास खंडो के , 10 हजार ग्रामों से माननीय प्रधानमन्त्री जी के नाम प्रस्ताव पारित कर भेजे गए हैं । ( फोटो में : कृषि मंत्री  श्री तोमर जी को ज्ञापन देते हुए सर्व श्री दिनेश कुलकर्णी , बद्री नारायण जी , केंद्रीय पशु पालन मंत्री श्री गिरिराज सिंह जी,   केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर जी, साईं रेड्डी जी, प्रभाकर जी केलकर , सुरेन्द्रन  जी बाये  से दाये  )

24 अगस्त 2020नई दिल्ली– भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधि मंडल ने केंद्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर से बीटी बैंगन के जेनेटिकली मोडीफाइड परीक्षणों के लिए अनुमति नहीं देने की मांग को लेकर मुलाकात की उस समय श्री जावेडकर जी ने यह आश्वाशन दिया । भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय के अंतर्गत जेनेटिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति द्वारा हाल ही में देश के 8 राज्यों में  जनुकीय परिवर्तित (जी.एम.) फसल बीटी बैंगन के द्वितीय परीक्षण को करने की अनुमति दी है।  केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से हुई मुलाकात के बारे में जानकारी देते हुये प्रतिनिधिमंडल में शामिल भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय  महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी ने बताया कि किसान संघ के द्वारा केंद्रीय मंत्री के सामने बात रखी गई कि पर्यावरण प्रदूषण, जैव विविधता को खतरा, पशु एवं  मानव स्वास्थ्य, उत्पादकता, बाजार एकाधिकार आदि जैसे कई गंभीर मुद्दे हैं, जिन्हें जीएम फसलों के ऐसे परीक्षणों की अनुमति देने से पहले जानने एवम  विश्लेषण करने की आवश्यकता है, जो कि अभी भी लंबित हैं।
श्री चौधरी ने आगे अवगत कराया कि अधिकांश प्रतिष्ठित संस्थानों में, संसदीय स्थायी समिति, माननीय सर्वोच्च न्यायालय की तकनीकी विशेषज्ञ समिति, प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों के विचार, कुछ कृषि प्रधान राज्यों के संबंधित अधिकारी आदि ने अपनी आशंका व्यक्त की है।  ऐसे में परीक्षण की अनुमति देना उचित नहीं होगा, जबकि कई राज्यों ने पहले ही जीएम खाद्य फसलों के परीक्षणों पर प्रतिबंध लगा दिया है। अभी देश कोरोना महामारी के संकट से झूझ रहा है ऐसे समय, संबधित घटकों को अंधेरे में रखते हुए, बिना किसी से चर्चा करते हुए GEAC द्वारा यह निर्णय लिया गया, जिसका किसान संघ ने विरोध किया। GEAC की भी इसके बारे में पूछताछ होनी चाहिए।इस संदर्भ में तमिलनाडु, कर्नाटक, छतीसगढ़ ,मध्यप्रदेश, झारखंड,बिहार, बंगाल एवं ओडिशा के मा. मुख्यमंत्रियों को भी ज्ञापन देकर अनुरोध किया है कि वे अपने राज्यों में इसकी परीक्षण की अनुमति न दे।
सभी पहलूओं को स्पष्ट करने के बाद, पूरे देश में कही भी , संपूर्ण कृषक समुदाय और उपभोक्ताओं के लाभ के लिए बीटी बैंगन तथा अन्य जी.एम. फसलों के परीक्षण की अनुमति न देने का तथा देश अभी Non- GMO है , इसलिए GM खाद्यानों पर भी रोक लगे ऐसा  सरकार से आग्रह किया है। अखिल भारतीय उपाध्यक्ष प्रभाकर केलकर , भारतीय  किसान संघ
तत्संबंध में पर्यावरण मन्त्री श्री जाबड़ेकर जी ने सभी पहलुओं पर विचार कर सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया। इस अवसर पर भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधिमंडल में अखिल भारतीय संगठन मंत्री  श्री दिनेश कुलकर्णी, अखिल भारतीय महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी, अखिल भारतीय उपाध्यक्ष श्री प्रभाकर केलकर व अखिल भारतीय मंत्री श्री साई रेड्डी की उपस्थिति उल्लेखनीय रही ।

कृषिआधारित अर्थ नीति के बिना देश को आत्मनिर्भर नही बनाया जा सकता- त्रिलोचन महापात्रा महानिदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, भारत सरकार
उत्तरप्रदेश/ मेरठ:भारतीय किसान संघ मेरठ प्रांत द्वारा गो आधारित जैविक कृषक संगम वेबिनार का आयोजन 2 अक्टूबर 2020  समय 2:30 बजे को ग्रास फार्म रोड स्थित मेरठ कैंट सी0आई0आर0सी के सभागार में आदरणीय श्रीमान दिनेश कुलकर्णी जी, अखिल भारतीय संगठन मंत्री भारतीय किसान संघ की अध्यक्षता में संचालित किया गया।


मुख्य वक्ता श्रीमान त्रिलोचन महापात्रा जी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद,भारत सरकार व कार्यक्रम प्रस्तावना हेतु ठाकुर धर्मपाल सिंह जी,अखिल भारतीय सह-जैविक प्रमुख,भारतीय किसान संघ रहे। कार्यक्रम का संचालन श्री राज सिंह चौहान जी प्रांतीय महामंत्री व श्री कुलदीप कुमार जी  प्रांतीय मंत्री भारतीय किसान संघ मेरठ प्रांत ने किया।धन्यवाद ज्ञापन प्रांतीय अध्यक्ष ठाकुर हरवीर सिंह जी ने दिया इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश,उत्तराखंड,हरियाणा,दिल्ली, आदि प्रदेशों   के हजारो जैविक कृषक एवं अनेक कृषि  वैज्ञानिक कार्यक्रम में सम्मिलित रहे।
मुख्य वक्ता श्रीमान त्रिलोचन महापात्रा जी ने कहा कि कृषि को छोड़कर हमारी अर्थ नीति या आर्थिक स्थिति में परिवर्तन नहीं हो सकता अगर खेती को छोड़कर अर्थ नीति की या अर्थव्यवस्था की बात करें। इसलिए यद्यपि कृषि का योगदान जीडीपी में 14-15% कम  है55% जनमानस कृषि पर अभी भी निर्भर करते हैं और देश गांव में बसता है अगर गांव के सरवर्धन,उन्नति,समृद्धि की बात करें तो खेती के बिना संभव नहीं हो पाएगा तो इसलिए 14-15% योगदान कृषि का जीडीपी में डोमेस्टिक प्रोडक्ट में कम होने के बावजूद खेती हमारे लिए देश के लिए आवश्यक है कीमती है और कृषि को छोड़कर देश नहीं चल सकता।
आज हम लोगों ने किसान भाइयों के अथक परिश्रम से देश 130 करोड़ से ज्यादा देश के जनमानस को अनाज खिला रहे हैं बाहर से हमें आयत नहीं करना पड़ता और हमारे पास इतना अनाज था कि कोविड़ के दौरान फ्री बांटने में सक्षम रहें कोविड के दौरान देश का किसान देश में कोई भूखा ना रहे ऐसी चिंता करते हुए अपने काम में लगे हे जिसके चलते फ़ूडक्रेन का उत्पादन 295 मिलियन टन जो कभी नहीं हुआ था यह सफलता की गाथा सभी किसान भाइयों कि जिंदगी से जुड़ा हुआ है किसानों के पसीने व मेहनत से जुड़ा हुआ है  इसलिए विशेष रूप से मैं आप सभी किसानों का आभार व्यक्त करता हूं और बाकी सभी सेक्टरों में नुकसान हुआ।कृषि ने देश को मजबूत किया है। इसलिए यह देश बिना कृषि के आत्मनिर्भर नहीं बन सकता हमारी अर्थ नीति का आधार कृषि और सिर्फ कृषि ही हो सकता है इससे छोड़कर और कोई रास्ता दिखाई नहीं देता है।
मुख्य अतिथि श्रीमान दिनेश कुलकर्णी जी ने कहा कि आज हमारे देश की पुरातत्व कृषि संस्कृति यानी गौ आधारित कृषि जो हमारी साझा धरोहर है उसे भारतीय किसान संघ द्वारा देश के हजारों किसानों ने अपनाया है ओर उसके सकारात्मक प्रमाण आये। देश के सभी किसानों इसको अपनाए ।गौ आधारित जैविक कृषि के मामले में किसानों को अनेक पर के भ्रम हैं उनको दूर करना होगा उनके लिये अनेक प्रकार संसाधन करने होंगे इसलिए भारतीय कृषि अनुसंधान को भी इसमें आगे आना होगा। जिस प्रकार हरित क्रांति को उस समय की आवश्यकता को ध्यान में रखकर काम किया गया आज उसी प्रकार से आज की आवश्यकता के अनुरूप भारत सरकार को देश के सभी कृषि विश्वविद्यालयों को युद्ध स्तर पर लगना होगा ताकि गौ आधारित कृषि में हो भ्रम को किसानों के मन से निकला जा सके।भारतीय किसान संघ इस दिशा में निरंतर कार्य कर रहा है अब सरकार को भी विशेष अभियान के तहत आगे आना होगा।


भारतीय किसान संघ ने आयोजित की श्रद्धांजलि सभा
सरकार्यवाह भय्या जी जोशी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित भारतीय किसान संघ के पदाधिकारी रहे मौजूद भोपाल- जब तक व्यक्ति रहता है तो साथ में चर्चाएं होती हैं जब वह चला जाता है तो उसकी स्मृतियां और उसके किए गए कार्य ही शेष रह जाते हैं. इसी प्रकार का व्यक्तित्व वरिष्ठ प्रचारक श्री प्रभाकर जी केलकर का था. यह बात गुरूवार को भारतीय किसान संघ मध्यप्रदेश के द्वारा मानस भवन में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह सुरेश जी सोनी ने कही।ज्ञात हो कि वरिष्ठ प्रचारक और भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री प्रभाकर जी केलकर का निधन 71 वर्ष की आयु में 30 अक्टूबर को हो गया था और आज श्री केलकर को श्रद्धांजलि देने के लिए यह सभा आयोजित की गई. इस दौरान संघ के सह सरकार्यवाह सुरेश जी सोनी ने कहा की स्वर्गीय केलकर आदर्श और प्रेरणादाई व्यक्तित्व के धनी थे. वह जितना मधुर गीत गाते थे उतना ही अच्छा उनका शारीरिक था ऐसे बहुयामी प्रतिभा के धनी विरले ही होते हैं ।


श्रद्धांजलि सभा में श्री केलकर को याद करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केलकर जी के साथ अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि उनका केलकर जी के साथ 44 वर्ष पुराना संबंध है। आपातकाल के दौरान जब वे जेल में गए थे तब पहली बार उनकी केलकर जी से प्रत्यक्ष भेंट हुई थी। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि केलकर जी हमेशा ही प्रेम व उत्साह से परिपूर्ण रहते थे। प्रदेश में किसान संघ के संगठन को मजबूती देने में उनका अतुल्यनीय योगदान है। उन्होंने सरकार और किसानों का मित्रतापूर्ण रिश्ता आंदोलन के माध्यम से बनाकर दिखाया था ।


इस दौरान ध्यान योगी श्री उत्तम स्वामी जी ने भी सभा को संबोधित करते हुए श्री केलकर जी के साथ व्यतीत अपने समय को याद किया। श्रद्धांजलि सभा में श्री केलकर जी के साथ समय व्यतीत करने वाले कई अन्य लोगों ने अपने अनुभव नम आंखों से साझा किए इसके उपरांत उनके चित्रों पर पुष्प समर्पित कर मौन धारण करके श्रद्धांजलि दी गई ।


श्रद्धांजलि सभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह भय्या जी जोशी, भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी और भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आईएन बसवेगोडा सहित भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय और प्रांतीय अधिकारी व संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं अन्य संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे।